पीएमईजीपी (PMEGP) योजना का परिचय

पीएमईजीपी क्या है?
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) भारत सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जिसका उद्देश्य देश में स्वरोज़गार को बढ़ावा देना और बेरोजगारी को कम करना है। इस योजना को 2008 में शुरू किया गया था और इसे खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के माध्यम से लागू किया जाता है। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं और महिलाओं के लिए बनाई गई है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं।
PMEGP एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है, जिसमें सरकार द्वारा परियोजना लागत का एक निश्चित प्रतिशत सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है, जबकि शेष राशि बैंक ऋण के रूप में मिलती है। इसका उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत रोजगार सृजन करना है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों की संख्या बढ़ाना भी है।
इस योजना के अंतर्गत कोई भी भारतीय नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का है और जिसने कम से कम 8वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की हो, आवेदन कर सकता है। PMEGP का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ देना नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस पहल है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
PMEGP की शुरुआत वर्ष 2008 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा की गई थी, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के अधीन आता है। इस योजना को दो प्रमुख योजनाओं – प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (REGP) – को मिलाकर तैयार किया गया।
इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर देना
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए उद्योग स्थापित करना
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाना
हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करना
लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
PMEGP योजना “वोकल फॉर लोकल” और “मेक इन इंडिया” जैसे अभियानों को सशक्त बनाती है और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पीएमईजीपी योजना के प्रमुख लाभ

सब्सिडी आधारित ऋण सुविधा
PMEGP योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह एक सब्सिडी आधारित योजना है। यानी सरकार व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको ऋण तो देती ही है, साथ ही उस ऋण का एक हिस्सा सब्सिडी के रूप में भी देती है, जिसे चुकाने की आवश्यकता नहीं होती।
सब्सिडी की दरें:
श्रेणी | ग्रामीण क्षेत्र | शहरी क्षेत्र |
---|---|---|
सामान्य श्रेणी | 25% | 15% |
विशेष श्रेणी (SC/ST/OBC/महिला/PH/Ex-Servicemen) | 35% | 25% |
उदाहरण के लिए, यदि कोई महिला ग्रामीण क्षेत्र में ₹5 लाख का व्यवसाय शुरू करना चाहती है, तो उसे केवल ₹3.25 लाख का लोन ही चुकाना होगा। बाकी ₹1.75 लाख सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
स्वरोज़गार को बढ़ावा
PMEGP योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना को जगाना है। इस योजना से लाखों युवाओं और महिलाओं को खुद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिला है। इससे वे खुद का रोजगार पैदा कर रहे हैं और दूसरों को भी नौकरी दे रहे हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि हर व्यक्ति खुद का मालिक बने, न कि नौकरी की तलाश में दर-दर भटके। यही कारण है कि PMEGP योजना को “बेरोजगार से उद्यमी” की यात्रा का सबसे प्रभावी माध्यम माना जाता है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए समान अवसर
PMEGP योजना न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण भारत में भी बड़े पैमाने पर लागू की गई है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने में मदद करती है, क्योंकि अब गांवों में भी लोग व्यवसाय करके सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ हर ज़िले और हर वर्ग तक पहुंचे। चाहे आप शहर में हों या गांव में, योजना के नियम और लाभ लगभग समान हैं।
योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहायता

लोन और सब्सिडी की राशि
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता एक निर्धारित सीमा में होती है। यह राशि दो हिस्सों में बंटी होती है — बैंक द्वारा दिया गया लोन और सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी।
वित्तीय सहायता की अधिकतम सीमा:
विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) इकाइयों के लिए: ₹25 लाख तक का प्रोजेक्ट
सेवा इकाइयों के लिए: ₹10 लाख तक का प्रोजेक्ट
यदि कोई उद्यमी ₹10 लाख तक का प्रोजेक्ट बनाता है, तो उसमें से 10-35% तक सरकार सब्सिडी देती है और शेष राशि बैंक लोन के रूप में दी जाती है।
इस सहायता से छोटे स्तर पर कारोबार शुरू करना आसान हो जाता है। लोन को चुकाने के लिए 3 से 7 साल तक की समय सीमा होती है, जिसमें बैंक कुछ महीनों की “मोरेटोरियम पीरियड” भी देते हैं यानी शुरुआती महीनों में किस्त चुकाने से छूट मिल सकती है।
मार्जिन मनी सब्सिडी की दर
PMEGP योजना में सब्सिडी को “मार्जिन मनी सब्सिडी” कहा जाता है। यह सब्सिडी सीधे लाभार्थी के लोन अकाउंट में जमा की जाती है और इसकी गणना इस प्रकार होती है:
लाभार्थी की श्रेणी | ग्रामीण क्षेत्र में सब्सिडी | शहरी क्षेत्र में सब्सिडी |
---|---|---|
सामान्य श्रेणी | 25% | 15% |
विशेष श्रेणी* | 35% | 25% |
विशेष श्रेणी में शामिल हैं:
SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक, महिला, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक, और सीमा क्षेत्रों के निवासी।
मार्जिन मनी की यह राशि तभी स्थायी हो जाती है जब लाभार्थी कम से कम 3 साल तक उस यूनिट को सफलतापूर्वक संचालित करता है। यदि वह उससे पहले कारोबार बंद कर देता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो बैंक उस सब्सिडी को रिकवर कर सकता है।
पीएमईजीपी (PMEGP) योजना के लिए पात्रता
कौन आवेदन कर सकता है?
PMEGP योजना के लिए कुछ आवश्यक पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। ये शर्तें यह सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ उन्हीं को मिले जो वास्तव में योग्य हैं और व्यवसाय शुरू करने की गंभीरता रखते हैं।
पात्रता मानदंड:
आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा पास होनी चाहिए (₹10 लाख से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए)
पहले से कोई सरकारी सब्सिडी योजना का लाभ न लिया हो।
पहले से चल रहे व्यवसाय को इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी नहीं मिलेगी, यह सिर्फ नए व्यवसायों के लिए है।
किन क्षेत्रों और परियोजनाओं को प्राथमिकता मिलती है?
PMEGP योजना में कई प्रकार के उद्योगों को शामिल किया गया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता भी दी जाती है, विशेषकर वे जो:
ग्रामीण कुटीर उद्योगों से जुड़े हों
हस्तशिल्प और हस्तशिल्प आधारित वस्तुएं बनाते हों
कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हों
महिलाओं या दिव्यांगों द्वारा संचालित हों
पर्यावरण अनुकूल तकनीक का उपयोग करते हों
कुछ उद्योग जैसे शराब निर्माण, मांस प्रसंस्करण, तंबाकू उत्पाद, प्रदूषण फैलाने वाले व्यवसाय आदि इस योजना के अंतर्गत अस्वीकृत (non-eligible) हैं।
आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन का तरीका
PMEGP योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है, जिससे पारदर्शिता और समय की बचत होती है। आवेदन करने के लिए आपको https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/ पर जाना होता है।
ऑनलाइन आवेदन के स्टेप्स:
वेबसाइट पर जाएं और “Online Application for Individual” पर क्लिक करें।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरें – नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि।
प्रोजेक्ट डिटेल्स जैसे व्यवसाय का प्रकार, लागत, स्थान आदि दर्ज करें।
आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
फॉर्म को सबमिट करें और आवेदन संख्या सुरक्षित रखें।
आवेदन की स्थिति ट्रैक करने के लिए पोर्टल पर लॉगिन करें।
आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड और पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
शिक्षा प्रमाण पत्र (कम से कम 8वीं पास)
प्रोजेक्ट रिपोर्ट
निवास प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
बैंक पासबुक की कॉपी
परियोजना रिपोर्ट का महत्व
प्रोजेक्ट रिपोर्ट आवेदन प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें आपको यह दर्शाना होता है कि आप किस प्रकार का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उसकी लागत क्या होगी, संभावित लाभ क्या हैं, और कैसे आप लोन की राशि का उपयोग करेंगे।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट में शामिल होनी चाहिए:
व्यवसाय का नाम और प्रकार
लागत का पूरा विवरण (मशीन, कच्चा माल, किराया, वेतन आदि)
संभावित लाभ और आय
बाजार की मांग और ग्राहक विश्लेषण
पुनर्भुगतान की योजना
एक सटीक और प्रभावी प्रोजेक्ट रिपोर्ट आपके लोन स्वीकृति की संभावना को काफी बढ़ा देती है।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन

उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP)
PMEGP योजना के तहत लाभार्थी को लोन मिलने से पहले उद्यमिता विकास कार्यक्रम (Entrepreneurship Development Programme – EDP) में भाग लेना अनिवार्य है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 से 10 दिनों तक का होता है, जिसमें व्यवसाय संचालन की मूलभूत जानकारी दी जाती है।
EDP के प्रमुख विषय:
व्यापार प्रबंधन
लेखा-जोखा और वित्तीय योजना
मार्केटिंग तकनीक
सरकारी नियम और कानून
डिजिटल लेन-देन और टैक्सेशन
यह प्रशिक्षण KVIC, DIC, RSETI, ITI और MSME विभागों के तहत संचालित केंद्रों में मुफ्त दिया जाता है।
प्रशिक्षण संस्थान और केंद्र
भारत में हर राज्य और जिले में PMEGP से जुड़े प्रशिक्षण केंद्र हैं, जैसे:
RSETI (Rural Self Employment Training Institutes)
KVIC Training Centers
District Industries Centers (DICs)
NSIC और MSME Tool Rooms
लाभार्थी को लोन स्वीकृति से पहले इन संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होता है। प्रशिक्षण पूरा करने पर एक सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसे लोन प्रोसेसिंग के समय बैंक में प्रस्तुत करना होता है।
पीएमईजीपी योजना की निगरानी और कार्यान्वयन एजेंसियाँ

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की भूमिका
PMEGP योजना का राष्ट्रीय स्तर पर संचालन और मॉनिटरिंग खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा की जाती है। KVIC यह सुनिश्चित करता है कि योजना पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध रूप से लागू हो।
KVIC का कार्य:
ऑनलाइन पोर्टल का संचालन
आवेदन की समीक्षा और मंजूरी
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय
लोन वितरण और सब्सिडी ट्रांसफर की निगरानी
जिला उद्योग केंद्रों (DICs) का सहयोग
प्रत्येक जिले में स्थित जिला उद्योग केंद्र (District Industries Centre – DIC) योजना के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। ये केंद्र आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण, दस्तावेज सत्यापन, और प्रोजेक्ट की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
DIC की भूमिका:
आवेदकों की सहायता करना
प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण
प्रशिक्षण संस्थानों से समन्वय
लोन स्वीकृति की प्रक्रिया में मार्गदर्शन
उद्योगों की सूची जो योजना के अंतर्गत आती हैं

विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) इकाइयाँ
PMEGP योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विनिर्माण उद्योगों को शामिल किया गया है। यदि कोई व्यक्ति या समूह नया उत्पादन आधारित व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है। कुछ लोकप्रिय विनिर्माण इकाइयाँ जो योजना के अंतर्गत आती हैं:
अगरबत्ती निर्माण
फर्नीचर निर्माण
पैकेजिंग यूनिट
जूते-चप्पल निर्माण
खाद्य प्रसंस्करण (पापड़, अचार, जैम आदि)
ब्यूटी प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग
इलेक्ट्रिकल फिटिंग निर्माण
इन सभी यूनिट्स में कच्चा माल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होता है और इन्हें कम लागत में शुरू किया जा सकता है। इससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के अवसर भी बनते हैं।
सेवा आधारित व्यवसाय
PMEGP केवल उत्पादन आधारित यूनिट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवा आधारित व्यवसायों को भी इसमें शामिल किया गया है। कुछ प्रमुख सेवा उद्योग हैं:
ब्यूटी पार्लर
साइबर कैफे
फोटोकॉपी और प्रिंटिंग शॉप
मोबाइल रिपेयरिंग शॉप
कंप्यूटर क्लासेस/ट्रेनिंग सेंटर
कार/बाइक वर्कशॉप
टूरिज्म आधारित सेवाएं (गाइड, होमस्टे, टैक्सी सेवा आदि)
इन सेवा इकाइयों को शुरू करने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ-साथ उचित प्लानिंग और ग्राहक सेवा पर ध्यान देना जरूरी है। योजना के तहत इन व्यवसायों को भी ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है।
पीएमईजीपी बनाम मुद्रा योजना
मुख्य अंतर
PMEGP और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) दोनों का उद्देश्य स्वरोज़गार को बढ़ावा देना है, लेकिन दोनों योजनाओं की प्रक्रिया, फंडिंग और पात्रता में अंतर है:
बिंदु | पीएमईजीपी (PMEGP) | मुद्रा योजना (PMMY) |
---|---|---|
योजना का स्वरूप | सब्सिडी आधारित लोन योजना | गैर-सब्सिडी लोन योजना |
लोन की राशि | ₹10 लाख (सेवा) / ₹25 लाख (उत्पादन) | ₹50,000 से ₹10 लाख तक |
सब्सिडी | 15% – 35% तक | कोई सब्सिडी नहीं |
प्रशिक्षण आवश्यक | अनिवार्य (EDP) | वैकल्पिक |
लागू संस्थान | KVIC, DIC, Coir Board | सभी बैंक और NBFCs |
पात्रता | 8वीं पास और नया व्यवसाय | कोई भी नागरिक, नया या मौजूदा व्यवसाय |
किस योजना में क्या लाभ?
यदि आप पहली बार कोई व्यवसाय शुरू कर रहे हैं और सब्सिडी चाहते हैं, तो PMEGP आपके लिए सही है।
यदि आप पहले से व्यवसाय चला रहे हैं और पूंजी बढ़ाना चाहते हैं, तो मुद्रा योजना ज्यादा उपयुक्त होगी।
मुद्रा योजना में लोन प्रक्रिया तेज होती है, लेकिन सब्सिडी नहीं मिलती।
PMEGP में सब्सिडी मिलती है, पर प्रशिक्षण और समय ज्यादा लगता है।
आम चुनौतियाँ और समाधान
ऋण अस्वीकृति के कारण
PMEGP योजना में लोन अस्वीकृत होने के कुछ सामान्य कारण हैं:
अधूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट
दस्तावेजों में त्रुटि
प्रशिक्षण न लेना
बैंक का उचित मूल्यांकन न करना
व्यवसाय का अस्पष्ट विवरण
समाधान और सुझाव
इन चुनौतियों से बचने के लिए कुछ सुझाव:
एक सटीक और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें
सभी दस्तावेजों की जांच अच्छे से करें
आवेदन करने से पहले संबंधित प्रशिक्षण लें
अपने स्थानीय KVIC या DIC से संपर्क में रहें
समय पर आवेदन ट्रैक करते रहें
यदि आप गंभीरता और तैयारी के साथ आवेदन करते हैं, तो आपके लोन स्वीकृति की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
योजना में समय-समय पर किए गए सुधार
डिजिटलीकरण और ऑनलाइन मॉनिटरिंग
सरकार ने PMEGP योजना को पूरी तरह डिजिटाइज़ कर दिया है। इससे आवेदन प्रक्रिया पारदर्शी हुई है और भ्रष्टाचार की संभावना कम हुई है। सभी दस्तावेज अब ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं और सब्सिडी की ट्रैकिंग भी पोर्टल से की जा सकती है।
सब्सिडी सीमा में बदलाव
वर्ष 2020 के बाद सरकार ने योजना के तहत सब्सिडी की सीमा को बढ़ाया और कई नई परियोजनाओं को जोड़ा। इससे अधिक लाभार्थियों को योजना से जोड़ने में मदद मिली है। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए विशेष छूट भी दी जा रही है।
निष्कर्ष: क्यों पीएमईजीपी है एक सुनहरा अवसर
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) वास्तव में उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी से जूझ रहे हैं। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि आत्मविश्वास, प्रशिक्षण और सरकारी मान्यता भी प्रदान करती है।
यदि आपके पास एक ठोस बिजनेस आइडिया है, तो PMEGP आपको उसे हकीकत में बदलने का प्लेटफॉर्म देता है। यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को मजबूती देती है और देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक क्रांति ला रही है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. PMEGP योजना के तहत अधिकतम कितना लोन मिल सकता है?
सेवा इकाइयों के लिए ₹10 लाख और विनिर्माण इकाइयों के लिए ₹25 लाख तक का लोन मिल सकता है।
2. क्या PMEGP योजना में सब्सिडी चुकानी पड़ती है?
नहीं, सब्सिडी चुकानी नहीं होती। यह सरकार द्वारा दी जाती है, लेकिन इसे 3 साल तक यूनिट चालू रखने की शर्त होती है।
3. PMEGP योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
आप kviconline.gov.in/pmegpeportal वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
4. क्या PMEGP योजना में पहले से चल रहे व्यवसाय को लोन मिलता है?
नहीं, यह योजना केवल नए व्यवसायों के लिए है।
5. क्या महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र हैं?
हां, महिलाओं को योजना के तहत विशेष सब्सिडी मिलती है और उन्हें प्राथमिकता भी दी जाती है।
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